ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥ साबधान गुरू कृपा अत: दिक्षा के विना ये प्रयोग कतापी ना करें शत्रू दुबारा प्रत्यगरा , विपरीत प्रत्यंगरा आदि प्रयोग होने पर साघक को भयंकर छती का सामना करना पड़ सकता। Chant with Rhythm: Commence chanting slowly and gradually, gradually rising https://sabseasanvashikaranmantra73840.webbuzzfeed.com/33013250/the-single-best-strategy-to-use-for-baglamukhi-shabar-mantra